किसान फसल बीमा योजना पारदर्शिता के अभाव में कंपनी के लिए लाभकारी: चौधरी

अभिनव राजस्थान पार्टी ने किसान फसल बीमा योजना को पारदर्शिता के अभाव में कंपनी के लिए लाभकारी बताया है। जयपुर के जंतर - मंतर पर किया धरना प्रदर्शन, सोपा ज्ञापन

किसान फसल बीमा योजना पारदर्शिता के अभाव में कंपनी के लिए लाभकारी: चौधरी
किसान फसल बीमा योजना पारदर्शिता के अभाव में कंपनी के लिए लाभकारी: चौधरी

जयपुर, (कार्यालय संवाददाता)। अभिनव राजस्थान पार्टी ने मुख्यमंत्री को किसानों की फसल बीमा योजना को पारदर्शिता बनाने और संबंधित बीमा कंपनियों की ओर से लूट पर अधिक ध्यान दिए जाने की ओर ध्यान आकर्षित किया है। पार्टी ने कंपनियों के साथ अधिकारियों की भी मिलीभगत होने का आरोप लगाया है। 
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में अभिनव राजस्थान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अशोक चौधरी ने बताया है कि किसानों की बीमा पॉलिसी के दस्तावेज किसान के घर नहीं पहुंचते हैं। पार्टी ने मांग की है कि हजारों रुपए की प्रीमियम राशि भरने वाला किसान के घर सरकार बीस तीस रुपए खर्च कर बीमा दस्तावेज पहुंचाए जाने चाहिए। साथ ही फसल नुकसान रिपोर्ट बैंक, तहसील, कृषि विभाग और कंपनी सभी को लेनी चाहिए जबकि हो यह रहा है कि किसान को विभागों के बीच फुटबॉल बना दिया जाता है, नुकसान के सर्वे रिपोर्ट में क्या लिखा है इसकी जानकारी किसानों को नहीं होती। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष डॉ अशोक चौधरी ने फसल कटाई प्रयोग के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए लिखा है कि कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारी इस ओर उदासीन रहते हैं। किसी भी गांव में फसल नुकसान का आकलन कंपनी के एजेंट अपने हिसाब से कर देते हैं और संबंधित विभाग के अधिकारी बिना फील्ड में गए कंपनी एजेंट के आंकड़ों को सही मानकर दस्तखत कर देते हैं। किसी भी कलक्टर या तहसीलदार को आज तक फील्ड में नहीं देखा गया है। नियमानुसार किसी भी गांव का क्लेम पूरे विवरण के साथ ग्राम पंचायत और बैँक के नोटिस बोर्ड पर चिपकाई जानी चाहिए ताकि किसानों को पूरी जानकारी मिले लेकिन ऐसा नहीं होता है, क्लेम की सूचियां बाहर नहीं आ पातीं और किसान जानकारी लेने के लिए इधर से उधर भटकता रहता है। चौधरी ने कहा कि फसल नुकसान के क्लेम की तारीख फिक्स नहीं होती जबकि किसानों को प्रीमियत की तारीख फिक्स कर बताई जाती है यह किसानों के साथ सौतेला व्यवहार है। कभी राज्य तो कभी केन्द्र सरकार की ओर से प्रीमियम की राशि जमा नहीं करवाई जाती है जिससे कंपनी को क्लेम के समय किसानों को लटकाने का अवसर मिल जाता है। पार्टी ने किसान फसल बीमा योजना को पारदर्शिता के अभाव में कंपनी के लिए लाभकारी बताया है।