चुनावी लाभ के लिए भाजपा ने किया आदिवासी और दलित वर्ग का इस्तेमाल : हंसराज मीणा 

चुनावी लाभ के लिए भाजपा ने किया आदिवासी और दलित वर्ग का इस्तेमाल : हंसराज मीणा 
चुनावी लाभ के लिए भाजपा ने किया आदिवासी और दलित वर्ग का इस्तेमाल : हंसराज मीणा 

जयपुर (कार्यालय संवाददता)। सामाजिक कार्यकर्ता हंसराज मीणा ने भाजपा पर चुनावी फायदे के लिए आदिवासी समुदाय का उपयोग किए जाने का गंभीर आरोप लगाया है। मीणा ने कहा है कि बीजेपी ने दलित, आदिवासी समुदायों से राष्ट्रपति पद का चुनाव केवल चुनावी फायदे के लिए किया है। मीणा ने ट्वीट किया है कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नई संसद के शिलान्यास समारोह में नहीं बुलाया गया था। अब नये संसद भवन के उद्घाटन के लिए वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू को नहीं बुलाया जा रहा है। आदिवासी समुदाय के मीणा ने मांग की है कि संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री से नहीं, बल्कि राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन होना है। प्रधानमंत्री के हाथों संसद भवन के नए भवन का उद्घाटन किया जाएगा इसी बात को लेकर सियासत गरमाई हुई है।

केंद्र सरकार की कथनी और करनी में फर्क

आदिवासी नेता हंसराज मीणा ने कहा कि देश में जब आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनी तो यही बीजेपी की सरकार ने प्रेस कांफ्रेंस कर के पूरी दुनिया को बताया कि हमने एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाया है। जब बात आई नए संसद भवन के उद्घाटन की तो पता चला कि राष्ट्रपति महोदया को न्यौता ही नहीं दिया गया है। यह शर्मनाक है एवं साथ में बीजेपी का असली चाल चरित्र बतलाता है। महामहिम राष्ट्रपति जी, से नवनिर्मित संसद भवन का उद्घाटन ना करवाना द्रोपदी मुर्मु जी का, आदिवासी समाज का और राष्ट्र का अपमान होगा।


ये असंवैधानिक भी है....

संसद के नए भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जाना असंवैधानिक है। हंसराज मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि 
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 60 और 111 यह वर्णित करते है कि राष्ट्रपति संसद की प्रमुख है। संविधान का अनुच्छेद 53 बताता है कि भारतीय संघ की कार्यपालिका की शक्ति राष्ट्रपति में निहित है। अत: स्पष्ट है संसद भवन के उद्घाटन का अधिकार नियमानुसार केवल राष्ट्रपति को जाता है। अगर उनकी जगह प्रधानमंत्री मोदी अपनी मनमर्जी से नए संसद भवन का उद्घाटन करते है तो यह अनैतिक और असंवैधानिक कार्य होगा।