कुनो नेशनल पार्क में शावक चीते की मौत

प्रोजेक्ट चीता शुरू होने के बाद इस नेशनल पार्क में चार चीतों की जान जा चुकी है।

कुनो नेशनल पार्क में शावक चीते की मौत
कुनो नेशनल पार्क में शावक चीते की मौत

नई दिल्ली। नेशनल पार्क कुनो में चीतों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। नेशनल पार्क में पैदा हुए चार चीता शावकों में से एक की 23 मई मंगलवार को मौत हो गई। मध्य प्रदेश वन विभाग का कहना है कि  कहा कि जान गंवाने वाला शावक कमजोर था। चीता ज्वाला की ये चोथी संतान थी।
गौरतलब है कि 
उपमहाद्वीप में प्रजातियों को फिर से बढ़ाने के लिए इन जीवों को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से स्थानांतरित किया गया था। 
बताया गया है कि 23 मई की सुबह निगरानी टीम ने देखा कि चीता ज्वाला अपने चार शावकों के साथ एक जगह आराम कर रही है. थोड़ी देर बाद वयस्क चीता उठकर चली, लेकिन उसके पीछे उसके तीन शावक ही थे. चौथा साथ चलने के लिए नहीं उठा
प्रेस नोट के अनुसार शावक का पोस्टमॉर्टम किया गया और प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि उसकी मौत कमजोरी के कारण हुई थी। 
ज्ञात हो कि बीते साल सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर पहली खेप में दक्षिण अफ्रीकी देश नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को कूनो लाया गया था. इनमें से एक मादा चीता साशा की मार्च में मौत हो गई थी. इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे. अप्रैल में इनमें से एक नर चीते उदय की मौत हो गई थी. इसी दौरान पहली खेप में नामीबिया से आई ‘ज्वाला’ ने चार शावकों को जन्म दिया था.

अब तक शावक सहित 4 चीतो की मौत 

उल्लेखनीय है कि प्रोजेक्ट चीता शुरू होने के बाद कूनो नेशनल पार्क में यह शावक चौथा चीता है और मरने वाला पहला शावक है. आखिरी चीता ‘दक्षा’ नाम की एक मादा थी, जिसकी मृत्यु 9 मई को संभोग के दौरान लगी चोट के कारण हुई थी.