किसानों की पीड़ा.... मेहनत से बोए टमाटर को खुद ही उखाड़ रहे

भावों में उछाल नही आने से बढ़ रहा आर्थिक बोझ , टमाटर तोड़ना भी किया बंद

किसानों की पीड़ा....  मेहनत से बोए टमाटर को खुद ही उखाड़ रहे
किसानों की पीड़ा.... मेहनत से बोए टमाटर को खुद ही उखाड़ रहे

मनोहरपुर। (कृष्ण कुमार वर्मा)। टमाटर की पैदावार की पूरी कीमत नहीं मिलने से किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। नतीजन, सब्जियां कोड़ियों के भाव बिक रही हैं। स्थिति यह है कि इलाके के कई किसान आगे की फसल की उम्मीद में खेतों में खड़ी टमाटर  की फसलों को उखाड़ रहे हैं। जानकारी के अनुसार रबी फसल के दौरान ओलावृष्टि होने से हुए नुकसान से किसान उभर भी नहीं पाए हैं कि अब सब्जी के भावों ने निराश किया है। पिछले साल की तुलना में सब्जियों का भाव आधा भी नहीं है। टमाटर और मिर्च मंडी में औने-पौने भाव में बिक रही है। किसानों का कहना कि महंगी दर पर खाद-बीज खरीदकर हाड़तोड़ मेहनत के बाद भाव नहीं होने से तुड़ाई का खर्चा भी नहीं निकाल पा रहे हैं।
किसान नेहपाल सिंह यादव व रामकिशन यादव ने बताया की टमाटर दो से तीन रुपए में थोक भाव में बिक रही है। ऐसे में खेत की बुवाई-दवाई का खर्चा निकालना तक मुश्किल हो गया है। खेत से सब्जी की तुड़ाई मजदूरी व मंडी में ले जाने में बहुत खर्चा आता है। खाद-बीज व बुवाई करने वालों को पैसे चुकाना मुश्किल हो गया है।

उखाड़ दी फसल, दूसरी सब्जियों से उम्मीद

किसान नेहपाल सिंह यादव, अर्जुन यादव व सीताराम यादव ने बताया कि 5 बीघा में अच्छी किस्म के टमाटर उगाए थे, लेकिन फसल आते ही निराशा हाथ लगी। यादव ने बताया कि भावों में उछाल नही आने से टमाटर की फसल को उखाड़ना शुरू कर दिया है। वही अब टमाटर के घाटे को दूसरी सब्जियों से पूरा करने की उम्मीद है।

मंडी से निकलते ही बढ़ जाते हैं टमाटर के दाम

किसान जगदीश गुर्जर ने बताया कि भले ही किसान अपनी फसल को सस्ते दामों पर बेचने को मजबूर हों, लेकिन मंडी से निकलते ही टमाटर की कीमत बढ़ जाती है। किसान का टमाटर दो से तीन रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि यहीं टमाटर फुटकर में 5 से 10 रुपये किलो बिक रहा है। साथ ही अन्य सब्जी और फलों के दामों में मंडी और फुटकर में भी दोगुना अंतर मिलता है।

20 हैक्टेयर में टमाटर की पैदावार

कृषि पर्यवेक्षक शैतान सिंह व पवन कुमार ने बताया कि मनोहरपुर, मामटोरी, नवलपुरा, छारसा, सुराणा, खोरालाड़खानी, निठारा, बिदारा, टोडी, उदावाला, खोरी, घासीपुरा, लेटकाबास में 20 हैक्टेयर में टमाटर एवं 18 हैक्टेयर में मिर्च की पैदावार है।

टमाटर तोड़ना भी किया बंद

स्थानीय किसानों ने बताया कि टमाटर के भाव अच्छे नही होने से  फसल की तुड़ाई भी कम कर दी है। तो वही कई किसानों ने टमाटर तोड़ना बन्द कर दिया है। टमाटर के भावों में उछाल नही आने से खेती-बाड़ी में मेहनत और दवाइयों का खर्चा निकाला भी मुश्किल हो गया है।

इनका कहना है।

इस बार पैदावार तो अच्छी है लेकिन किसानों को उचित भाव नही मिल रहा है।
भगचन्द कुमावत, सहायक  निदेशक कृषि (विस्तार) शाहपुरा