संघ का हिंदुत्व नकली, इस महामारी से मुक्त भारत अनिवार्य; लगे पूर्ण प्रतिबंध

संघ का हिंदुत्व नकली, इस महामारी से मुक्त भारत अनिवार्य; लगे पूर्ण प्रतिबंध
संघ का हिंदुत्व नकली, इस महामारी से मुक्त भारत अनिवार्य; लगे पूर्ण प्रतिबंध

पूर्व आईपीएस एम नागेश्वर राव के ट्विट से छिड़ी नई बहस
संघ का हिंदुत्व नकली, इस महामारी से मुक्त भारत अनिवार्य; लगे पूर्ण प्रतिबंध

ट्विटर पर पत्र लिखकर कर्नाटक कांग्रेस सरकार से संघ पर बैन लगाने की अपील, कहा-बजरंग दल जैसे संगठनों के जरिये होता है हिंदू युवाओं का इस्तेमाल, सिर्फ बजरंग दल ही नहीं; आरएसएस मुक्त भारत की जरूरत

दिल्ली/जयपुर। एक जमाने में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के थिंक टैंक का हिस्सा माने जाने वाले पूर्व आईपीएस एम नागेश्वर राव ने संघ के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बड़ा हमला किया है। कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत के आद उन्होंने टिव्टर पर कांग्रेस को पत्र लिखते हुए अपील की है कि कर्नाटक सरकार आरएसएस और बजरंग दल पर जल्द से जल्द प्रतिबंध लगाए। इतना ही नहीं बल्कि एम नागेश्वर राव ने आरएसएस को महामारी बताते हुए लिखा है कि संघ छद्म हिंदुत्व की बातें करने वाला संगठन और उसका हिंदुत्व से कोई नाता नहीं है। एम नागेश्वर राव यहीं नहीं रुके और उन्होंने लिखा कि संघ ने बजरंग दल जैसे संगठन के जरिये हिंदू युवाओं को बलि का बकरा बनाया है और उनका इस्तेमाल महज सत्ता और राजनीति के लिए किया है। राव ने अपने ट्विट कर लिखा कि आरएसएस और इसके अन्य संगठनों का हिंदू धर्म /हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं है। दूसरे शब्दों में, बजरंग दल आरएसएस नामक पुरानी महामारी का एक मात्र लक्षण है।


नागेश्वर राव ने कांग्रेस से अपील की है कि कर्नाटक राज्य सरकार को हिंदुओं विशेषकर हिंदू युवाओं को बचाने के लिए पुरानी महामारी (आरएसएस) को नष्ट करने के लिए ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। यदि बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाते हैं, लेकिन आरएसएस पर नहीं, तो बाद वाला हिंदू युवाओं को गुमराह करने के लिए एक और संगठन  बनाएगा। इसलिए आरएसएस को भी बैन किया जाए। ऐसा होता है तो  बीमारी (बजरंग दल)अपने आप गायब हो जायेगी। यदि हमारी प्राचीन सभ्यता को जीवित रहना और समृद्ध होना है तो केवल आरएसएस मुक्त भारत ही अनिवार्य है। अंतरिम सीबीआई प्रमुख के तौर पर काम कर चुके राव ने ट्वीट्स में सभी हिंदुओं को ‘आरएसएस मुक्त भारत’ बनाने की दिशा में काम करने को कहा है। 


पहले संघ से नजदीकी रही, वरिष्ठता लांघकर बनाया सीबीआई का अतरिम प्रमुख
ओडिशा कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी राव अपने कार्यकाल के दौरान संघ से नजदीकियों के लिए भी जाने जाते रहे। वे इंडिया फाउंडेशन जैसे संगठनों से जुड़े रहे और इसी कारण उन्हें वरिष्ठता लांघकर अंतरिम सीबीआई प्रमुख भी बनाया गया। हालांकि उनका कैरिअर वित्तीय अनियमितताओं, जांच प्रभावित करने और अपने खिलाफ जांच रोकने जैसी कई शिकायतों के साथ विवादास्पद रहा है। उनके खिलाफ शिकायतों में सीबीआई के भीतर जांच प्रभावित करना और उसे रोकने, पद पर रहते हुए वित्तीय अनियमितता बरतने और एक मुखौटा कंपनी में उनकी पत्नी की संलिप्तता आदि शामिल हैं। उन पर भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 70 से अधिक अधिकारियों के खिलाफ पूछताछ बंद करने का भी आरोप लगा था, जिनका नाम संजय भंडारी की डायरी में है।  एक चार्टर्ड अकाउंटेंट भंडारी को कथित भ्रष्टाचार के आरोप में जनवरी 2015 में तत्कालीन संयुक्त आयकर आयुक्त सल्लोंग यादेन के साथ गिरफ्तार किया गया था। राव को 2019 में उस समय अंतरिम सीबीआई प्रमुख नियुक्त किया गया था जब तत्कालीन महानिदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच ट