जिस फसल को खून-पसीने से सींचा, आंखों के सामने हुई तबाह; प्रदेश में जान देने को मजबूर धरतीपुत्र: ढूल

जिस फसल को खून-पसीने से सींचा, आंखों के सामने हुई तबाह; प्रदेश में जान देने को मजबूर धरतीपुत्र: ढूल
जिस फसल को खून-पसीने से सींचा, आंखों के सामने हुई तबाह; प्रदेश में जान देने को मजबूर धरतीपुत्र: ढूल

जयपुर। प्रदेश में इस बार बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने किसानों को बेहाल कर दिया है। इस बेमौसम बरसात ने किसानों की खेत में खड़ी फसलों को चौपट कर दिया है और किसानों को मायूसी के दलदल में धकेल दिया है। राजस्थान जाट महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष उम्मेद सिंह ढूल ने इस आपदा पर कहा कि इन फसलों को खड़ा करने में किसानों ने अपना खून पसीना तो बहाया ही साथ ही लाखों रुपए का कर्ज भी लिया। अब किसानों के सामने इस कर्ज को चुकाने के लिए व्यवस्था भी नहीं है। अब किसानों को सिर्फ सरकार से उम्मीद है कि वह किसानों को जल्दी मुआवजा दे, नहीं तो किसानों के पास जान देने के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा। इस बेबसी का उदाहरण देते हुए ढूल ने कहा कि बूंदी में कर्ज में दबे एक किसान ने तो कीटनाशक खाकर सुसाइड कर लिया। प्रदेशभर में ऐसे कई किसान हैं, जिन्होंने लाखों रुपए का कर्जा ले रखा है। किसी ने बच्चों की पढ़ाई तो किसी ने बेटे-बेटियों की शादी तो किसी ने बीमारी के लिए कर्ज लिया था। किसानों को फसल से उम्मीद थी, लेकिन प्रकृति का ऐसा प्रकोप बरसा कि सभी उम्मीदें खत्म हो गई। अब फसल खराब होने से किसान मायूस है और उनको सरकार से मिलने वाली सहायता से उम्मीद है।
ढूल ने कहा कि प्रदेश के कई गांवों में जाकर हालात देखे तो सामने आया कि फसलों के नुकसान से किसानों की आंखों में आंसू है। लाखों किसान फसल काटने की तैयारी में ही थे कि अचानक बारिश और ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी चना, गेहूं, जीरा, ईसबगोल की फसलों को बर्बाद कर दिया। फसलें पानी में बह गई और इसके साथ ही बह गए बच्चों की शादी के सपने, बेटे को एमबीए कराने का अरमान और कर्ज के बोझ को सिर से उतारने की उम्मीद। ढूल ने कहा कि ऐसे ही एक किसान ने फसल बर्बाद होने के बाद जहर खाकर जान दे दी। किसान के बेटे ने बताया कि 3 बीघा जमीन पर पिताजी ने गेहूं की फसल लगा रखी थी। दोनों भाई और बहन की शादी के लिए पिता ने करीब 8 लाख रुपए का कर्जा ले रखा था। वे सोच रहे थे कि इस बार गेहूं की फसल बेच थोड़ा बहुत कर्ज उतार देंगे, लेकिन शनिवार को जब बारिश के साथ ओले गिरे तो पूरी फसल बर्बाद हो गई। उन्हें लगा कि अब वे कर्ज कैसे उतारेंगे। सदमे में आकर उन्होंने खेत में कीटनाशक पी लिया, जिससे उनकी मौत हो गई। बेमौसम बारिश ने पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया। अब घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है।

अभी बरकरार रहेगा मौसम का कहर

उपाध्यक्ष ढूल ने कहा कि खेती ही परिवार की कमाई और आजीविका का एकमात्र साधन है, लेकिन ओलावृष्टि ने किसनों की फसलों को नष्ट कर दिया। हम सरकार से किसानों को समय पर मुआवजा देने की मांग करते है। वहीं मौसम विभाग ने पश्चिमी विछोभ के कारण 31 मार्च तक बरसात और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है। भरतपुर संभाग में आज भी मौसम प्रभावित होने की संभवना है और 40 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से हवा चलने की चेतावनी जारी की गई है। किसानों को फिर फसल खराब होने का डर सताने लगा है। क्योंकि किसानों की अभी भी गेंहू की फसल खेत में खड़ी है और कई जगह गेंहू की कटाई का काम भी चल रहा है।